क्या करूं क्या ना करूं
क्या करूं क्या ना करूं
तुमसे शिकायत क्या करूं Rajesh Meena · Mere Alfaz हजार झरने सुख जाते हैं समंदर के
करूं
करूं करने को । सुना जाता है कि आइंस्टीन ने कहा करूं ? मित्र आविष्कारक बन जायेगा , और बीस
करूं करूं और तू ने आज्ञा दिई कि मैं तुझे प्रेम करूं ॥ २ हे नित्य प्रेम के श्रादिप्रवाह मैं तेरे विषय में क्या कहूं ॥ मैं क्योंकर तुझे स्मरण न करूं
Regular
price
116.00 ₹ INR
Regular
price
116.00 ₹ INR
Sale
price
116.00 ₹ INR
Unit price
/
per